भगवान महावीर जयंती / विकास – पुण्य
1) भगवान महावीर के 2621वें जन्म-कल्याणक पर सबको बधाई।
आत्मसंतोष/ अपरिग्रह के उपदेश पर ….
2) विकास/पुण्य भी दुविधा में डाल देते हैं –
दाल रोटी खाने को मिलती थी, तब नींद अच्छी आती थी।
कम नम्बर लाने वाले को दुविधा नहीं, Arts Subject ही लेना/मिलेगा, ज्यादा नम्बर वाले को बहुत सारे Option/दुविधायें।
मुनि श्री सुधासागर जी
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पुण्य का तात्पर्य जो आत्मा को पवित्र करता है या आत्मा पवित्र होती है, अथवा जीव के दया,दान पूजा आदि शुभ परिणाम को कहते हैं। विकास का मतलब उन्नति होना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि विकास एवं पुण्य भी दुविधा में डाल देते हैं। अतः जीवन में विकास करना है तो पढ़ाई के लिए पुरुषार्थ करना होगा। जबकि पुण्य का फल प्राप्त करने के लिए आत्मा को पवित्र के लिए प़यास करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।