सम्यग्दृष्टि विदेह होने की बात करता है, विदेह क्षेत्र जाने की नहीं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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विदेश-देय रहित सिद्ध भगवान् कहलाते हैं अथवा देह में रहते हुए जो जन्म-मरण से रहित है ऐसे अर्हन्त भगवान् विदेय है। अतः सम्यगदृष्टि विदेय होने कि बात करता है,विदेय क्षेत्र की नही।
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विदेश-देय रहित सिद्ध भगवान् कहलाते हैं अथवा देह में रहते हुए जो जन्म-मरण से रहित है ऐसे अर्हन्त भगवान् विदेय है। अतः सम्यगदृष्टि विदेय होने कि बात करता है,विदेय क्षेत्र की नही।