वीतरागता
मुसीबत के समय गृहस्थ एक दूसरे की हर संभव मदद करेगा ।
मुनि सिर्फ प्रार्थना करेगा ।
भगवान कुछ भी नहीं करेगा ।
राष्ट्रपति के पास चाकू भी नहीं । जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं, निष्किय होते जाते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
मुसीबत के समय गृहस्थ एक दूसरे की हर संभव मदद करेगा ।
मुनि सिर्फ प्रार्थना करेगा ।
भगवान कुछ भी नहीं करेगा ।
राष्ट्रपति के पास चाकू भी नहीं । जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं, निष्किय होते जाते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी