जिस आसन में हनुमान जी को(वैदिक परम्परा में) मूर्ति में बैठे दिखाते हैं, वह वीरासन है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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आसन मुद़ा कई तरह की होती हैं…पद्मासन, खड्गासन आदि । मुझे वीरासन का पता नहीं है। अतः मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने बताया है कि हनुमान जी का जो मूर्ती में दिखाया गया है वह वीरासन होता है, अतः उक्त कथन सत्य है।
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आसन मुद़ा कई तरह की होती हैं…पद्मासन, खड्गासन आदि । मुझे वीरासन का पता नहीं है। अतः मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने बताया है कि हनुमान जी का जो मूर्ती में दिखाया गया है वह वीरासन होता है, अतः उक्त कथन सत्य है।