वृत्तिपरिसंख्यान

मुनियों के मूलगुणों में ये नहीं आता ।
मुद्रा छोड़ने के बाद कायोत्सर्ग व सिद्धभक्ति करने से पहले, मुनि दुबारा मुद्रा लेकर दूसरे घरों में जा सकते हैं ।

मुनि श्री कुंथुसागर जी

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