भोजन के बाद मिष्ठान्न क्यों ?
ताकि भोजन के दौरान मिर्चीला/कषैला स्वाद अगले भोजन तक न बना रहे।
वृद्धावस्था भी जीवन के अंत में आती है – पूरे जीवन की कटुता/द्वेष अगले जीवन में न जाये इसके लिए क्षमा रूपी मिष्ठान का सेवन करें ताकि मीठे स्वाद के साथ अगले जन्म की शुरुआत हो।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वृद्धावस्था तो जीवन के अंत में आती है, लेकिन पूरे जीवन में राग द्वेष अगले जीवन में न जावे इसके लिए जैसे भोजन के अंत में मिष्ठान लेते हैं, इसके एवज़ में क्षमा रुपी मिष्टान का सेवन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।क्षमा ही जीवन में रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वृद्धावस्था तो जीवन के अंत में आती है, लेकिन पूरे जीवन में राग द्वेष अगले जीवन में न जावे इसके लिए जैसे भोजन के अंत में मिष्ठान लेते हैं, इसके एवज़ में क्षमा रुपी मिष्टान का सेवन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।क्षमा ही जीवन में रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।