लिंग शब्द का अर्थ चिन्ह है। जैनागम के लिए लिंग माने हैं … मुनि,आर्यिका और उत्कृष्ट श्रावक। यह तीनों द़व्य व भाव के भेद से दो प्रकार के हैं, जिसमें शरीर का ब़ाह्म वेष द़व्य लिंग है तथा अंतरंग में वीतरागता रुप भाव लिंग है। द़व्य—गुण और पर्याय के समूह को कहते हैं। द़व्य छह हैं–जीव,पुद्वगल, धर्म,अधर्म,आकाश और काल ।
अतः यह सही है कि वेद से भाव लेना और लिंग से द़व्य।
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लिंग शब्द का अर्थ चिन्ह है। जैनागम के लिए लिंग माने हैं … मुनि,आर्यिका और उत्कृष्ट श्रावक। यह तीनों द़व्य व भाव के भेद से दो प्रकार के हैं, जिसमें शरीर का ब़ाह्म वेष द़व्य लिंग है तथा अंतरंग में वीतरागता रुप भाव लिंग है। द़व्य—गुण और पर्याय के समूह को कहते हैं। द़व्य छह हैं–जीव,पुद्वगल, धर्म,अधर्म,आकाश और काल ।
अतः यह सही है कि वेद से भाव लेना और लिंग से द़व्य।