मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वेद वैषम्य का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिस वेद में रुचि वही भाव वेद मिलेगा। Reply
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वेद वैषम्य का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिस वेद में रुचि वही भाव वेद मिलेगा।
‘वैषम्य’ ka kya meaning hai, please ?
एक ही जीव के भाव-वेद और द्रव्य-वेद में विपरीतता।
Okay.