शरीर और आत्मा

नौ द्वारन का पींजरा, तामै पंक्षी मौन !
रहत अचम्भा जानिये, जावत अचरज कौन !!

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4 Responses

  1. उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है…
    शरीर को सभी जानते हैं लेकिन आत्मा की पहिचान के लिए देव शास्त्र गुरु पर श्रद्धान करना होगा। आजकल आत्मा की बात तो करते हैं लेकिन जब तक चारित्र को धारण नहीं करेंगे तब तक आत्मा को पहिचान नहीं सकते हैं ।

    1. शरीर-रूपी पिंजड़े में ९ व्दार हैं,
      उसमें आत्मा-रूपी पक्छी चुपचाप रह रहा है, इसमें किसी को अचरज नहीं होता !
      जब खुले व्दारों से उड़ है तो ताज्जुव क्यों !!

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