शांति
बिना शांत हुए दूध की परिणति नहीं बदलती*,
आत्मा की कैसे बदल सकती है !
शांति पाने का उपाय – धर्म/वीतरागता।
मुनि श्री महासागर जी
* दूध की परिणति दही बनकर ही बदलती है और दही के लिए दूध को ठंडा/ शांत होना होगा।
बिना शांत हुए दूध की परिणति नहीं बदलती*,
आत्मा की कैसे बदल सकती है !
शांति पाने का उपाय – धर्म/वीतरागता।
मुनि श्री महासागर जी
* दूध की परिणति दही बनकर ही बदलती है और दही के लिए दूध को ठंडा/ शांत होना होगा।
4 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि शान्ति पाने के लिए धर्म एवं वीतरागता है।
Can meaning of the first line be explained,
please ?
Main item में explain किया, समाधान हुआ ?
Okay.