शांति
क्या बीमार आदमी को झोंपड़ी से निकालकर महल में लाने से, वह निरोगी हो जायेगा ?
क्या कांच को सोने की अगूँठी में जड़वाने से, वह हीरा बन जायेगा ?
जब तक अंदर की कलुषता नहीं जायेगी, शांति आ नहीं सकती ।
क्या बीमार आदमी को झोंपड़ी से निकालकर महल में लाने से, वह निरोगी हो जायेगा ?
क्या कांच को सोने की अगूँठी में जड़वाने से, वह हीरा बन जायेगा ?
जब तक अंदर की कलुषता नहीं जायेगी, शांति आ नहीं सकती ।
3 Responses
Great.
HariBol.
Jai Jinendra,
Very true..position,
badlne se insaan ka real swaroop nahi badla karta.
Regards,
Anju
हमें कभी भी किसी चीज की इच्छा नहीं करना चाहिए।
अगर हम शांति चाहते हैं तो वो भी एक इच्छा है।
अत: हमें शांति की इच्छा करने की बजाय अपनी इच्छाओं को शांत करना चाहिए।
शांति अपने आप आपके द्ववार पर आ जायेगी।