शीलव्रतेष्वनतिचार

शील * = स्वभाव में रहना/ ब्रम्हचर्य/ महाव्रत।
ष्व = बहुवचन।
अनतिचार = अतिक्रम, वृतिक्रम, अतिचार, अनाचार रहित।

प्रकाश छाबड़ा

* अहिंसादि व्रतों की रक्षा के लिये क्रोधादि कषायों का त्याग –

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

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3 Responses

    1. अतिक्रमण = व्रतों के प्रति तोड़ने के भाव।
      वृतिक्रम = तोड़ने के प्रयास तो करना पर तोड़ना नहीं।

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