विधानादि के बाद शोभा-यात्रा इसका प्रतीक है कि इतने दिनों हम सब धर्म-मार्ग पर चले, अब उस धर्म-प्रभावना को Cultivate कर रहे हैं तथा संकल्प और विश्वास भी कि अब चल सकते हैं ।
(उन लोगों को द्वार-दर्शन जो विधानादि में भगवान के दर्शन नहीं कर पाये)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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शोभायात्रा निकालना आवश्यक होता है जिससे जो लोग विधान आदि में नहीं बैठते हैं वह लोग भी अपने द्बार पर ही भगवान् के दर्शन कर सकते हैं और धर्म के प़ति आस्था जगा सकते हैं। अतः शोभा यात्रा निकालना आवश्यक है जिससे धर्म की प़भावना बढती है।
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शोभायात्रा निकालना आवश्यक होता है जिससे जो लोग विधान आदि में नहीं बैठते हैं वह लोग भी अपने द्बार पर ही भगवान् के दर्शन कर सकते हैं और धर्म के प़ति आस्था जगा सकते हैं। अतः शोभा यात्रा निकालना आवश्यक है जिससे धर्म की प़भावना बढती है।
Kise “cultivate” karne ki baat ho rahi hai?
धर्म-प्रभावना को ।
Item में clear भी कर दिया है ।