संज्ञा का मतलब आहार आदि विषयों की अभिलाषा को कहते हैं। यह चार प्रकार की है, आहार,भय, मैथुन और परिग़ह संज्ञा। संसारी जीव चार संज्ञायो के कारण अनादि काल से पीड़ित हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि संज्ञा औदयिक भाव है बल्कि क्षुतज्ञान से काम करतीं हैं। Reply
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संज्ञा का मतलब आहार आदि विषयों की अभिलाषा को कहते हैं। यह चार प्रकार की है, आहार,भय, मैथुन और परिग़ह संज्ञा। संसारी जीव चार संज्ञायो के कारण अनादि काल से पीड़ित हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि संज्ञा औदयिक भाव है बल्कि क्षुतज्ञान से काम करतीं हैं।