संसार और वैराग्य

संसार में असंतुष्ट प्राणी वैराग्य लेने के बाद भी उन चीजों को पाने में लग जायेगा, जिनकी कमी वह संसार में अनुभव करता था ।
पर अनासक्त भाव दोनों क्षेत्रों में लाभकारी होता है ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

आज गुरुदेव का समाधि-दिवस है ।

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2 Responses

  1. सन्तुष्टी के भाव रखने वाले लोग संसार में जीवन व्यतीत कर सकते हैं एवं वैराग्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं । जो सन्तुष्टी के भाव नहीं रखते हैं वह कभी भी वैराग्य की ओर अग्रसर नहीं हो सकते हैं । अतः उचित होगा कि जीवन में सन्तुष्टी के भाव रखना चाहिए तभी कल्याण होगा।

  2. Aaj gurudev ka Samadhi diwas to hai hi, ek aisi hasti ka bhi hai, jo jeete ji to humare liye prerna thi hi; unki Samadhi/mrityu mahotsav bhi humare liye ek bahut badi seekh de gayi . (Aaj meri daadi-saas ki, mataji ke samaksh, Banda(M.P.) mein samadhi ho gayi) Aur yeh gurudev ke hi Samadhi-diwas ke din hona, coincidence nahin lagta.

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