संसार के दु:ख
पं श्री जगमोहनलाल जी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी से पूछा – आपको वैराग्य कैसे हुआ ?
आचार्य श्री – आप लोगों के चेहरों को देख देख कर ।
मुनि श्री कुंथुसागर जी
पं श्री जगमोहनलाल जी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी से पूछा – आपको वैराग्य कैसे हुआ ?
आचार्य श्री – आप लोगों के चेहरों को देख देख कर ।
मुनि श्री कुंथुसागर जी
3 Responses
Suresh Chandra Jain
It is true, Sansaar ke dukh dekhkar hi vairagya ki bhawna aati hai
So true. Acharya shri ke tarkon ka koi jawab ho hi nahin sakta.
Another such example of AacharyashreeG. A young fellow asked AacharyashreeG: What is your business? AacharyashreeG replied instantly, BUSYNESS is my business.