सन्मान

सन्मान हमेशा समय का होता है,
लेकिन
आदमी उसे अपना समझ लेता है ।

(मंजू)

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4 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सत्य है। जब मनुष्य अच्छे कायॅ करता है तो उसका सम्मान नहीं है बल्कि उसके द्वारा दिये समय का सदुपयोग किया है अतः यह समय का ही सम्मान ही मानना उचित होगा। यह भी धमॅ का सार है जिसकी उपेक्षा नहीं होना चाहिए।

    1. आज तुम Ad.Accountant General हो,सब तुम्हारी इज्जत करते हैं,
      समय निकलने पर/retirement के बाद ?

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