सफलता
सफलता किसी पर आश्रित नहीं होती – पैसा, प्रसिद्धि आदि पर नहीं।
गुणों को निखारना/उन्हें बनाये रखना सफलता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सफलता किसी पर आश्रित नहीं होती – पैसा, प्रसिद्धि आदि पर नहीं।
गुणों को निखारना/उन्हें बनाये रखना सफलता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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यह कथन बिलकुल सत्य है कि सफलता के मापदंड, पैसा या प्रसिद्धि नहीं, बल्कि गुणों को बढाना ही होना चाहिए । भगवान् वैभवशाली होने के वजह से सफल नहीं हैं, बल्कि उनके गुणों के कारण ही आज भी उनकी पूजा करते हैं । भगवान् के गुणों की आराधना करते हैं, जिससे हम भी उनके गुणों को ग्रहण कर सकें । जीवन की सफलता तभी होती है, जब गुणों को स्वीकार कर लेते हैं ।