समय
स्व-समय(आत्मा) में लीन रहने वालों का समय(काल) उनका अपना हो जाता है, समय पर मालकियत हो जाती है।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी (31 जुलाई)
स्व-समय(आत्मा) में लीन रहने वालों का समय(काल) उनका अपना हो जाता है, समय पर मालकियत हो जाती है।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी (31 जुलाई)
One Response
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने समय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए समय का समुचित उपयोग करना परम आवश्यक है।