सम्यक्त्व

क्षायिक सम्यक्त्व – वीतराग सम्यक्त्व है,
शेष दो सराग सम्यक्त्व हैं ।

अमितगति श्रावकाचार

शुभोपयोगी चार से सात गुणस्थान में व्यवहार/सराग सम्यक्त्वी,
शुद्धोपयोगी सात से आगे गुणस्थान तक वीतराग/निश्चय सम्यक्त्वी है ।

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