सम्यग्दर्शन के अंग

सम्यग्दर्शन के 8 अंगों में से निर्विचिकित्सा, स्थितिकरण, उपगूहन, वात्सल्य और प्रभावना मुख्यतः मुनियों से जुड़े हैं।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (ति.भा. गाथा- 51)

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One Response

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सम्यगदर्शन के अंग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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