सहनशीलता
परवश में बहुत कुछ सहन करते हैं, स्ववश में कुछ भी नहीं,
तो परभव (भविष्य) में बहुत कुछ परवश सहन करना पड़ेगा।
मुनि श्री विश्रुतसागर जी
परवश में बहुत कुछ सहन करते हैं, स्ववश में कुछ भी नहीं,
तो परभव (भविष्य) में बहुत कुछ परवश सहन करना पड़ेगा।
मुनि श्री विश्रुतसागर जी