जिससे संसार प्रभावित हो, पर वह संसार से प्रभावित ना हो ।
(श्री तुषार भाई)
Share this on...
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है…
साधु यानी गुरु किसी की भावना से, प्रभावित नहीं होते हैं, बल्कि श्रावक ही प्रभावित होते हैं।
शिष्य में भक्ति/ श्रद्धा होना चाहिए ।
१ अपनी इच्छाओं को अर्पित करें
२ अपनी समझ-शक्ति मत लगाओ
३ निर्णय-शक्ति को भी उनके पास समर्पण करना चाहिए । इन सबका ध्यान रखना चाहिए; तभी कल्याण होगा ।
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है…
साधु यानी गुरु किसी की भावना से, प्रभावित नहीं होते हैं, बल्कि श्रावक ही प्रभावित होते हैं।
शिष्य में भक्ति/ श्रद्धा होना चाहिए ।
१ अपनी इच्छाओं को अर्पित करें
२ अपनी समझ-शक्ति मत लगाओ
३ निर्णय-शक्ति को भी उनके पास समर्पण करना चाहिए । इन सबका ध्यान रखना चाहिए; तभी कल्याण होगा ।