सासादन वाले के साथ सम्यक्त्व ?

मिथ्यात्व कर्म के उदय के अभाव में, विपरीतामिनिवेश( विपरीत अभिप्राय) वहाँ नहीं पाया जाता ।
इसलिये उसे मिथ्यादृष्टि न कहकर, सासादन-सम्यक्त्वी कहा है।

जिज्ञासा समाधान-116

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