सिद्धों में वीर्यत्व

सिद्धों में अनन्त वीर्यत्व, दूसरे पदार्थों के द्वारा प्रतिघात ना हो पाने की अपेक्षा घटित होता है ।

आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी

Share this on...

One Response

  1. सिद्ध का मतलब समस्त आठ कर्मों के बन्धनों को जिन्होंने नष्ट कर दिया,ऐसे परमात्मा ही नित्य/ निरंजन होते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि सिद्धों में अनन्त वीर्यत्व, दूसरे पदार्थों के द्वारा प़तिघात ना हो पाने की अपेक्षा घतित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

October 23, 2020

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031