इस द्वीप (समुद्र की तरफ वाले आधे भाग) तथा समुद्र में कर्म-भूमि रहती है।
समुद्र में जलचर जीव भी होते हैं।
अढ़ाई द्वीप तथा स्वयंभूरमण के बीच असंख्यात समुद्रों व द्वीपों में जघन्य भोग-भूमियाँ।
इनके समुद्रों में जलचर जीव नहीं होते हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
Share this on...
One Response
मरण का मतलब प्राणों का समाप्त होना होता है।मरण के भी कई भेद होते हैं उपरोक्त कथन सत्य है कि अढ़ाई द्वीप तथा स्वयंभूमरण के बीच असंख्यात समुद़ों व द्वीपों में जघन्य भोग भूमियां होती हैं इनके समुद्रों में जलचर जीव नहीं होते हैं।
One Response
मरण का मतलब प्राणों का समाप्त होना होता है।मरण के भी कई भेद होते हैं उपरोक्त कथन सत्य है कि अढ़ाई द्वीप तथा स्वयंभूमरण के बीच असंख्यात समुद़ों व द्वीपों में जघन्य भोग भूमियां होती हैं इनके समुद्रों में जलचर जीव नहीं होते हैं।