स्वर्ग में पुण्य ख़र्च कर लेते हैं; इसलिये स्वर्ग से पुनः स्वर्ग नहीं जाते।
प्रश्न – मुनि बनकर मोक्ष जाने के पुण्य कैसे बच जाते हैं ?
उत्तर – स्वर्ग में नोट ख़र्च किये जाते हैं, कोहिनूर नहीं और कोहिनूर के बदले आप छोटी-मोटी चीज़ें (चाट-पकौड़ी, स्वर्ग) नहीं ले सकते ।
चिंतन
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4 Responses
स्वर्ग वह स्थान है जहां उर्ध्वलोक में वैमानिक देव रहते हैं, लेकिन मोक्ष के लिए समस्त कर्मों से रहित आत्मा की विशुद्ध अवस्था होती है। अतः उक्त कथन सत्य है कि स्वर्ग में पहुंच कर पुण्य का उपयोग कर लेते हैं, इसलिए पुनः वह स्वर्ग में नहीं जा सकते हैं। मुनि बनकर जो मोक्ष मार्ग का रास्ता अपनाते हैं वह अपने पुण्य से बच जाते हैं, अतः उनको पुण्य के लिए स्वर्ग नहीं जाते हैं, बल्कि अपना पुण्य मोक्ष के लिए उपयोग करते हैं।
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स्वर्ग वह स्थान है जहां उर्ध्वलोक में वैमानिक देव रहते हैं, लेकिन मोक्ष के लिए समस्त कर्मों से रहित आत्मा की विशुद्ध अवस्था होती है। अतः उक्त कथन सत्य है कि स्वर्ग में पहुंच कर पुण्य का उपयोग कर लेते हैं, इसलिए पुनः वह स्वर्ग में नहीं जा सकते हैं। मुनि बनकर जो मोक्ष मार्ग का रास्ता अपनाते हैं वह अपने पुण्य से बच जाते हैं, अतः उनको पुण्य के लिए स्वर्ग नहीं जाते हैं, बल्कि अपना पुण्य मोक्ष के लिए उपयोग करते हैं।
Question ka meaning, clarify kariye, please?
स्वर्ग में पुण्य consume हो जाते हैं इसलिये दुबारा स्वर्ग नहीं जा सकते, तो मुनि बनने लायक पुण्य कैसे बच जाते हैं ?
Okay.