छतरी बरसात से तो बचा सकती है,
पर डूबने से बचाने में सहायक नहीं हो सकती ।
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जीवन में प़ेत्यक प़ाणी को स्वावलंबी होना चाहिए ताकि अपने कार्यो में किसी दूसरे की मदद लेने की आवश्यकता नहीं होना चाहिए।अतः यह कथन सत्य है कि बरसात में छतरी से बच सकते हैं लेकिन डूबने से बचाने में सहायक नही होती हैं, इसके लिए स्वयं कोशिश करना पड़ता है।अतः जीवन में स्वावलम्बन होना चाहिए ताकि अपना कल्याण कर सकता है।
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जीवन में प़ेत्यक प़ाणी को स्वावलंबी होना चाहिए ताकि अपने कार्यो में किसी दूसरे की मदद लेने की आवश्यकता नहीं होना चाहिए।अतः यह कथन सत्य है कि बरसात में छतरी से बच सकते हैं लेकिन डूबने से बचाने में सहायक नही होती हैं, इसके लिए स्वयं कोशिश करना पड़ता है।अतः जीवन में स्वावलम्बन होना चाहिए ताकि अपना कल्याण कर सकता है।