स्व-भाव स्वभाव नहीं,
स्व-भाव औदायिक भी, पाप/कषाय रूप भी हो सकता है, पर स्वभाव नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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3 Responses
स्वभाव का मतलब वस्तु का असाधारण और शाश्वत धर्म ही कहलाता है, जैसे जीव का स्वभाव चेतना या जानना देखना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि स्व यानी भाव स्वभाव नहीं जबकि स्व -भाव औदायिक भी पाप और कषाय रुप भी हो सकता है,पर स्वभाव नहीं है।
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स्वभाव का मतलब वस्तु का असाधारण और शाश्वत धर्म ही कहलाता है, जैसे जीव का स्वभाव चेतना या जानना देखना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि स्व यानी भाव स्वभाव नहीं जबकि स्व -भाव औदायिक भी पाप और कषाय रुप भी हो सकता है,पर स्वभाव नहीं है।
“स्व-भाव” se kya samjhen?
admin… स्व-भाव = आत्मा का स्वभाव
स्वभाव = Nature/ self-made
Okay.