ज़िंदा / मुर्दा
लोग ज़िंदों को गिराते हैं, मुर्दों को उठाते हैं, ये कैसे लोग हैं ?
जो ज़िंदा को गिराते हैं वे मुर्दा होते हैं* और मुर्दा को उठाने वाले ज़िंदा ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
* पर वे भूल जाते हैं कि एक दिन वे भी मुर्दा बन, उन सब के कंधों पर ही जायेंगे, जिनके लिये ज़िंदों को गिराया था ।
One Response
उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है…
मुदा॓ उठाने वालों को यह अवश्य सीखना चाहिए कि वह भी इसी प्रकार जाने वाले हैं। अतः उनको सोचना चाहिए कि कुछ अच्छे काय॓ करके जावें जिससे उनकी याद हमेशा आती रहे।