अंतरध्वनि

सबकी प्रथम गुरु आत्मा है ।
उसकी अंतरध्वनि को सुनना वरना वह सो जायेगी ।
यदि पहले से सोई हो तो ?
उसे जगाओ ।
कैसे ?
उससे पूछते रहो – यह काम किया, सही था या गलत !

प्राय : हम संस्कारों की सुनते हैं, अंतरात्मा की नहीं ।

बाई जी

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