अंतिम मंज़िल

राजा को चंदन की लकड़ी में, रंक को कंडों में जलाया जाता है ।
पर दोनों की राख एक सी, न चंदन वाली में सुगंध, न ही कंडों वाली में दुर्गंध ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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One Response

  1. जीवन की अंतिम मंजिल मृत्यु ही होती है। इसमें चंदन की लकड़ी में या कंडो में जलाया जाता है, इससे कोई फरक नहीं पड़ता है। जीवन में कोई अच्छा लक्ष्य लेकर चलता है, उसे पा लेता है,तभी दूसरों को का आदर्श कहा जा सकता है, चाहे वह राजा हो या रंक ।

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