अजीव / पुद्गल
पुद्गल को अजीव में इसलिए रखा क्योंकि इसमें भी अजीवत्व पाया जाता है।
चार विशेष गुणों वाला होने से पुद्गल कहा।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
पुद्गल को अजीव में इसलिए रखा क्योंकि इसमें भी अजीवत्व पाया जाता है।
चार विशेष गुणों वाला होने से पुद्गल कहा।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
5 Responses
Yeh kaunse ‘विशेष गुणों’ ki baat ho rahi hai ?
स्पर्श, रस, गंध, वर्ण
What about ‘शब्द’ ?
शब्दादि पाँचों अजीव हैं।
Okay.