अध्यात्म/सिद्धांत ग्रंथ

अध्यात्म ग्रंथ विशेष व्यक्तियों की अपेक्षा।
सिद्धांत ग्रंथ सार्वभौमिक।

जानने से श्रद्धा/ सम्यग्दर्शन नहीं, मानने से।
हाँ ! जानना, मानने के लिये ज़रूरी होता है।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड- गाथा: 561)

Share this on...

One Response

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अध्यात्म एवं सिद्धांत ग़ंथ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 8, 2024

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930