अभिषेक
अभिषेक एक मूर्ति का ही करना चाहिये ।
मुनि श्री सुधासागर जी
(क्योंकि अभिषेक पूजा का अंग है जबकि पूजा बहुत से भगवानों की हो सकती है)
अभिषेक एक मूर्ति का ही करना चाहिये ।
मुनि श्री सुधासागर जी
(क्योंकि अभिषेक पूजा का अंग है जबकि पूजा बहुत से भगवानों की हो सकती है)
4 Responses
अभिषेक- – जिन प़तिमा के स्नपन या प़क्षालन को अभिषेक कहते हैं,इसका मूल उद्देश्य अपने आत्म परिणामों की निर्मलता है।
उक्त कथन सत्य है कि अभिषेक एक ही मूर्ति का ही होना चाहिए।
“एक मूर्ति” ka kya relevance hai?
एक वेदी पर बहुत सी मूर्तियाँ होती हैं ।
सबका अलग-अलग अभिषेक practicable नहीं ।
सब मूर्तियों का एक थाली में अभिषेक undesirable है,
क्योंकि एक मूर्ति के अभिषेक का जल दूसरी मूर्ति पर पड़ेगा ।।
Okay.