अवगाहनत्व
अवगाहनत्व तो मुझमें/सब द्रव्य में होता है, मैं भी तो छहों द्रव्यों को तथा अनंत जीवों को अपने शरीर में अवगाहना दे रहा हूँ । फिर मुझमें तथा आकाश-द्रव्य में क्या अंतर है ?
साधारण-अवगाहनत्व सब द्रव्यों में, इसी गुण की वजह से अनंतानंत जीव असंख्यात प्रदेशी लोक में अवगाहना ले रहे हैं ।
आकाश की विशेषताएं –
1. सब द्रव्यों को अवगाहना देता है (हम छहोँ द्रव्य की कुछ संख्या को) ।
2. खुद किसी से अवगाहना नहीं लेता, स्वप्रतिष्ठित है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
अवगाहनत्व का मतलब सभी द़व्यों को आकाश यानी स्थान देना होता है यह अवगाहनत्व का गुण होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है जिसमें आकाश की विशेषताएं बताई गई हैं,वह पूर्ण सत्य है… सब द़व्यों को अवगाहन देता है। दुसरा कि खुद किसी से अवगाहन नहीं लेता है,यह स्वप़तिष्ठित है।
1st sentence me 6 dravyon ko avagahna dene ki baat kahi hai magar 1. point me kuch dravyon ko ? Please clarify ?
6 द्रव्यों को अवगाहना तो हमारा शरीर भी देता है तथा आकाश भी।
पर आकाश, संख्या की अपेक्षा सब द्रव्यों को तथा शरीर कुछ द्रव्यों को ही अवगाहना दे पाता है।
Okay.