क्या अवधिज्ञान भव्यता/ अभव्यता को बता सकता है ? प्राय: नहीं, लेकिन कर्मों की आगे/ पीछे की स्थिति (अंत: कोड़ाकोड़ी सागर) दिख जाए तो कथंचित बता दे।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 1/27)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अवधिज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अवधिज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।