अशुद्ध/शुद्ध/विशुद्ध
किसी भी Non-veg Hotel के आगे “शुद्ध मांसाहार भोजनालय” नहीं लिखा होता है,
शाकाहार भोजनालय के आगे “शुद्ध शाकाहारी भोजनालय” तो लिखा मिलता है पर “विशुद्ध” शब्द का प्रयोग नहीं होता है,
“विशुद्ध” शब्द का प्रयोग तो धार्मिक देव, शास्त्र, गुरू के लिये ही होता है जैसे आचार्य श्री विशुद्धसागर जी आदि ।
हम सब को अपनी यात्रा शुद्ध से विशुद्ध की ओर करनी है ।
चिन्तन
2 Responses
Only good things can be very good,
only pure things can be very pure,
so improper food can not become ‘proper or very proper’,
& only Bhakta can become a pure Bhakta.
HariBol.
Non-veg hotel = mithya drasti sangati,
sudha = shakahari bhognalay=Kalpeshbhai,Sagarbhiyaji sangati,
vishudhi = Acharya shri VhidyaSagarji,Acharya shri vishudhsagarji,Muni shri Kshamasagarji…………sangati.