अहिंसा / विनय
अक्षर/ शब्दों को लिखकर काटने/ मिटाने में भाव-हिंसा तथा अंकों को काटने/ मिटाने में ज्ञान के प्रति अविनय है।
मुनि श्री मंगल सागर जी
अक्षर/ शब्दों को लिखकर काटने/ मिटाने में भाव-हिंसा तथा अंकों को काटने/ मिटाने में ज्ञान के प्रति अविनय है।
मुनि श्री मंगल सागर जी
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मुनि श्री मंगलसागर महाराज जी ने अहिंसा एवं विनय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अहिंसा एवं विनय को लिखकर मिटाने कुछ फल नहीं मिल सकता है बल्कि उसका पालन करना परम आवश्यक है।