जीवन में कर्मो से मत ड़रना क्योंकि पाप कर्म उदय आने पर धन सम्पदा सब उसी प्रकार नष्ट हो जाती है, जिस प्रकार हाथी कैथ खाता है, तो वह उसके पेट से वैसा ही बाहर आ जाता है पर अन्दर का दल खत्म हो जाता है, जबकि वह फूटा नहीं है ।
और पुण्य कर्म से उसी प्रकार धन सम्पदा मिल जाती है जिस तरह नारियल के अन्दर पानी होता है, जबकि वह पानी किसी ने नहीं भरा है ।
2 Responses
Thanks to the accouts deptt. of sh. Hari.
Hari bol.
जीवन में कर्मो से मत ड़रना क्योंकि पाप कर्म उदय आने पर धन सम्पदा सब उसी प्रकार नष्ट हो जाती है, जिस प्रकार हाथी कैथ खाता है, तो वह उसके पेट से वैसा ही बाहर आ जाता है पर अन्दर का दल खत्म हो जाता है, जबकि वह फूटा नहीं है ।
और पुण्य कर्म से उसी प्रकार धन सम्पदा मिल जाती है जिस तरह नारियल के अन्दर पानी होता है, जबकि वह पानी किसी ने नहीं भरा है ।