आत्मानुभव
दाल के साथ नमक का असली/पूरा स्वाद नहीं लिया जा सकता, ऐसे ही कर्मों/विषय भोगों से लिप्त जीव के द्वारा आत्मानुभव कैसे किया जा सकता है !
ज्ञानशाला – श्री समयसार – गाथा 17
दाल के साथ नमक का असली/पूरा स्वाद नहीं लिया जा सकता, ऐसे ही कर्मों/विषय भोगों से लिप्त जीव के द्वारा आत्मानुभव कैसे किया जा सकता है !
ज्ञानशाला – श्री समयसार – गाथा 17
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आत्मा जो यथासंभव ज्ञान, दर्शन और सुख आदि गुणो में परिणमन करता है।यह कथन सत्य है कि दाल के साथ नमक होने के कारण पूरा स्वाद नही लिया जा सकता है।अतः इसी प्रकार आत्मा को शुद्ध किये बिना आत्मानुभव नहीं लिया जा सकता है।