धान का छिलका निकलने पर चावल की प़ाप्ती होती है, अतः आत्मा में जो राग, द्बेष और मोह का छिलका लगा है उसको हट जाने पर परमात्मा की प़ाप्ती हो सकती है।आत्मा से परमात्मा के लिए धर्म से जुडना आवश्यक है तभी राग, द्वेष और मोह को समाप्त किया जा सकता है। Reply
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धान का छिलका निकलने पर चावल की प़ाप्ती होती है, अतः आत्मा में जो राग, द्बेष और मोह का छिलका लगा है उसको हट जाने पर परमात्मा की प़ाप्ती हो सकती है।आत्मा से परमात्मा के लिए धर्म से जुडना आवश्यक है तभी राग, द्वेष और मोह को समाप्त किया जा सकता है।