जिसे मरण से भीति नहीं, जन्म से प्रीति नहीं, वही आध्यात्म को पा सकता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि जिसे मरण का भय नहीं, एवं जन्म से प़ीती नहीं, वही आध्यात्म को पा सकता है! अतः जीवन में कर्म सिद्वांत पर विश्वास होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि जिसे मरण का भय नहीं, एवं जन्म से प़ीती नहीं, वही आध्यात्म को पा सकता है! अतः जीवन में कर्म सिद्वांत पर विश्वास होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
भीति प्रीति जीवन की
कभी न होगी खत्म।
जनम जनम से हमने,
पाया है ये जख्म।।