भूख

भूख लगने के….
बाह्य कारण →
1. आहार-दर्शन → भोजन करने पर भी इच्छा।
2. उपयोग → ध्यान में लाने/सोचने से।
3. कोठा खाली होने से।
अंतरंग कारण →
असाता का उदय/ उदीरणा (तीव्र कर्मोंदय) से।
बाह्य कारणों से बचेंगे तो उदीरणा से भी बच सकते हैं।
वैराग्य/ संकल्प से जैसे उपवासी ग्रहणी भोजन बनाती है पर उदीरणा नहीं करती। असाता से भूख, साता से भोजन, दोनों साथ-साथ चलती हैं पर One at a time.

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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4 Responses

  1. मुनि महाराज जी ने भूख लगने के ब़ाह्य एवं अंतरंग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः भूख के कारण समझना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!

  2. ‘कोठा खाली होने से’ ; Yahan par ‘कोठा’ ka kya meaning hai, please ?

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