इनसानियत / धर्म

इनसानियत गीली भूमि है ।
इस पर ही धर्म का अंकुर पनपता है ।

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One Response

  1. इनसानियत गीली मिट्टी की तरह है; जो जैसा बनाना चाहता है, वैसा बन सकता है; अच्छा बनने के लिए धर्म के साथ जुड़ना पड़ेगा; तभी कल्याण होगा ।

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