इनसानियत गीली मिट्टी की तरह है; जो जैसा बनाना चाहता है, वैसा बन सकता है; अच्छा बनने के लिए धर्म के साथ जुड़ना पड़ेगा; तभी कल्याण होगा । Reply
One Response
इनसानियत गीली मिट्टी की तरह है; जो जैसा बनाना चाहता है, वैसा बन सकता है; अच्छा बनने के लिए धर्म के साथ जुड़ना पड़ेगा; तभी कल्याण होगा ।