उत्तम आर्जव (कपट नहीं करना)
जीवन में उलझनें दिखावे और आडम्बर की वजह से हैं।
कृत्रिमता का कारण है…. हम अपने को वैसा दिखाना चाहते हैं जैसे हम हैं नहीं।
मुनि श्री क्षमासागर जी
जीवन में उलझनें दिखावे और आडम्बर की वजह से हैं।
कृत्रिमता का कारण है…. हम अपने को वैसा दिखाना चाहते हैं जैसे हम हैं नहीं।
मुनि श्री क्षमासागर जी
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उत्तम आर्जव का तात्पर्य मायाचारी व कुटलिता छोड़कर सरल हृदय से आचरण कहलाता है। अतः मुनि महाराज श्री क्षमासागर जी का कथन सत्य है कि जीवन में उलझने दिखावें और आडम्बर बजह से है, कृत्रिमता का कारण होता है कि हम अपने को वैसा दिखाना चाहते हैं कि जेसे हम नहीं है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मायाचारी छोड़कर सरल हृदय बनने का प्रयास करना परम आवश्यक है।