उत्तम आर्जव धर्म
यानि मायाचारी का उल्टा, सरलता का धर्म ।
हम ये सोचते हैं की मायाचारी करके हम फायदे में हो जायेगें, कुछ समय तक तो अपने को फायदा लगता है, जैसे रावण ने सीता को हरा तो बहुत खुश हुआ ,पर उसका अंत कैसा हुआ ! शकुनी/दुर्योधन को देखो सबका अंत कैसा हुआ ?