उदारता
सूरज उनको भी प्रकाशित करता है जो उसे सम्मान नहीं देते। बस प्रकाश को ग्रहण करने का पुण्य होना चाहिये (आँखों में देखने की क्षमता) ।
साधु उस स्थान/ समाज में भी जाते हैं जहाँ उनको मानने वाले नहीं होते हैं।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
सूरज उनको भी प्रकाशित करता है जो उसे सम्मान नहीं देते। बस प्रकाश को ग्रहण करने का पुण्य होना चाहिये (आँखों में देखने की क्षमता) ।
साधु उस स्थान/ समाज में भी जाते हैं जहाँ उनको मानने वाले नहीं होते हैं।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने उदारता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अपना कल्याण करने के लिए उदारता के भाव रखना परम आवश्यक है।