उधारी
किसी की भी उधारी लेकर मर जाना, पर भगवान की उधारी लेकर मत जाना क्योंकि भगवान तो किसी की उधारी अपने पास रखते नहीं हैं, उनकी उधारी रखी तो बहुत भारी पड़ेगी ।
मरने के कुछ समय पहले ही सही पर वैसे बन जाना जैसा वे चाहते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
किसी की भी उधारी लेकर मर जाना, पर भगवान की उधारी लेकर मत जाना क्योंकि भगवान तो किसी की उधारी अपने पास रखते नहीं हैं, उनकी उधारी रखी तो बहुत भारी पड़ेगी ।
मरने के कुछ समय पहले ही सही पर वैसे बन जाना जैसा वे चाहते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
Very deep thought,
we need to think on it deeply.
Its easy to read but difficult to understand,
but once if we understand dis,
will take us on the path of Moksh.
Somehow,
I have a different feeling-
I would like to die with a Debt , payable to God,
because-
then God would like it to be returned it back,
& so would be searching for me in next life
& automatically I would again get Thy’s blessings.
( admn may not publish this if my statement is likely to hurt anybody)
HariBol.
So, we should lead our life of justified LEN – DEN since begining.
Very nicely said.