उपकार

उपकार करके यदि कह दिया तो वह व्यापार हो गया ।
जब सीता जी को वनवास दिया तब उनके मन में यह भाव भी नहीं आया कि मैंने राम को वनवास में साथ दिया था ।
ज्ञानी उपकार को कर्त्तव्य मानता है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

Share this on...

One Response

  1. उपकार का मतलब किसी का भला करना होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि उपकार करके कह दिया तो यह व्यापार बन जाता है।
    अतः मन में यह भाव कभी नहीं आना चाहिए कि मैंने इसका उपकार कर दिया है। ज्ञानी उपकार को कर्तव्य मानता है इसलिए उनको दोष नहीं लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

July 15, 2021

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031